Tuesday, April 3, 2012

महाकालभैरव स्तोत्रम







ॐ यम् यम् यम् यक्षरूपम् दशदिशि विदितम् भूमि कम्पायमानम्
सम् सम् संहारमूर्तिम् शिरमुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम्
दम् दम् दम् दीर्घकायम् विकृतनखमुखम् चोर्ध्वरोमम् करालम्
पम् पम् पम् पाप नाशम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

रम् रम् रम् रक्तवर्णम् कटिकटित तनुम् तीक्ष्ण दन्ष्ट्राकरालम्
घम् घम् घम् घोषघोषम् घ: घ: घ: घ: घटितम् घच्चरम् घोरनादम्
कम् कम् कम् कालपाशम् धृक धृक धृकृतम् ज्वालितम् कामदाहम्
तम् तम् तम् दिव्यदेहम्, प्रणमत सततम्, भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

लम् लम् लम् लम् वदन्तम् ल: ल: ल: ल: ललितम् दीर्घजित्व: करालम्
धूम् धूम् धूम् धूम्रवर्णम् स्फूट विकटमुखम् भास्करम् भीमरूपम्
रुम् रुम् रुम् रूण्डमालम् रवितम् नियतम् ताम्रनेत्रम् करालम्
नम् नम् नम् नग्नभूषम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

वम् वम् वम् वायुवेगम् नटजन सदयम् ब्रह्मसारम् परम् तम्
खम् खम् खम् खड्गहस्तम् त्रिभुवन विलयम् भास्करम् भीमरूपम्
चम् चम् चम् चलित्व: चल: चल: चलित: चालितम् भूमिचक्रम्
मम् मम् मम् मायीरूपम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

शम् शम् शम् शंखहस्तम् ससिकर धवलम् मोक्ष संपूर्ण तेजम्
मम् मम् मम् मम् महान्तम् कुलमकुल: कुलम् मंत्रगुप्तम् सुनित्यम्
यम् यम् यम् भूतनादम् किलि किलि किलितम् बालकेलि प्रधानम्
अम् अम् अम् अन्तरिक्षम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

खम् खम् खम् खड्गभेदम् विषम मृतमयम् कालकालम् करालम्
क्षम् क्षम् क्षम् क्षिप्रवेगम् दह दह दहनम् तप्त संदीप्य मानम्
हउम् हउम् हूमकार नादम् प्रकटित गहनम् गर्जितैः भूमिकम्पम्
वम् वम् वम् वाल लीलम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

सम् सम् सम् सिद्धि योगम् सकलगुण मखम् देव देवम् प्रसन्नम्
पम् पम् पम् पद्मनाभम् हरिहर मयनम् चन्द्र सूर्याग्नि नेत्रम्
ऐम् ऐम् ऐश्वर्य नादम् सतत भयहरम् पूर्वदेव स्वरूपम्
रम् रौम् रौम् रौद्ररूपम्, प्रणमत सततम् भैरवम् क्षेत्रपालम् ..

हम् हम् हम् हंसयानम् हपित कलहकम् मुक्त-योगाट्टहासम्
धम् धम् धम् नेत्ररूपम् सिरमुकुट जटाबंध बंधाग्र हस्तम्
तम् तम् तम् टंकार नादम् त्रिदसलत तम् काम गर्वापहारम्,
भ्रूम् भ्रूम् भ्रूम् भूतनादम्, प्रणमत सततम्, भैरवम् क्षेत्रपालम् !!!


4 comments:

  1. भाई जी दिल से बधाई स्वीकार करें .......ये विरासत को बचने का दिल से प्रयास है .....मेरा हर कदम पर साथ ...ऐसा एक भी आप का कदम ....!!पुनः बधाई !!!!!1

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    1. भाई सा जय जय सियाराम ! आपका अनुग्रह सदैव बना रहे ..

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  2. ऐसी अद्भुत रचना नेट पे प् के मई धन्य हुआ । आप का सादर अभिनन्दन ।

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    1. Anadya Tripathi जी आपका स्वागत एवं हार्दिक धन्यवाद ..

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